
रांची. झारखंड में खून का संकट गहराने लगा है। ब्लड रिप्लेसमेंट पर रोक के बाद अब रक्त संग्रह केंद्र व रक्त बैंक में स्टॉक घटता जा रहा है। राज्य के 16 जिलों में कुल 3619 यूनिट खून ही बचा है, जबकि रोजाना औसतन 864 यूनिट खून की खपत हो रही है। अगर जल्द बड़े पैमाने पर रक्तदान शिविर नहीं लगाये गये तो हालत और बिगड़ सकते हैं। फिलहाल रक्तदान शिविर के माध्यम से ही खून संग्रह एक मात्र विकल्प है। ऐसे में राज्य सरकार को समाजसेवियों और सामाजिक संगठनों की मदद से रक्तदान शिविर आयोजित कराना होगा।
वर्तमान में सबसे अधिक 1290 यूनिट खून का स्टॉक जमशेदपुर में है। वहीं सबसे कम जामताड़ा में एक भी यूनिट खून नहीं है। चाईबासा में मात्र 7 यूनिट खून शेष है। खूंटी, लोहरदगा, पाकुड़, गुमला, बोकारो और रामगढ़ में भी स्थिति गंभीर है। अगले 25 घंटे में इन जिलों के ब्लड बैंक भी खाली हो जाएंगे। आपात स्थिति में ऑपरेशन और डायलिसिस केस निपटाए जा रहे हैं। अगर रक्तदान शिविर जल्दी नहीं लगे तो चाईबासा, रामगढ़ और खूंटी में अगले 24 घंटे में ब्लड बैंक पूरी तरह खाली हो सकते हैं। इससे हालात और भयावह हो जाएंगे।
इस गंभीर हालत के बाद पूरा राज्य जमशेदपुर, राँची और धनबाद पर निर्भर हो गया है। क्योंकि यहाँ ही वर्तमान में सबसे ज्यादा खून है। जमशेदपुर में 1290 यूनिट, राँची में 839 यूनिट स्टॉक है। धनबाद में 352 यूनिट खून है। यानी इन तीन जिलों में ही उपलब्ध खून का 67 फीसदी हिस्सा है। खूंटी, चाईबासा और चतरा जैसे जिलों में ब्लड बैंक लगभग खाली हो चुके हैं। चाईबासा में मात्र सात यूनिट खून बचा है। जबकि यहाँ रोज औसतन 25 यूनिट खून की जरूरत होती है।



