
1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने के हेमंत सोरेन कैबिनेट के फैसले के बाद प्रवासियों के नेता कैलाश यादव ने चेतावनी दी है कि झारखंड एक बार फिर आग के झोंक में जाने वाला है. कैलाश यादव ने कहा कि 1932 से झारखंड की 80% आबादी को लाभ नहीं मिलेगा. 1932 को छूने वाले कितने लोग जलकर चले गए, अब हेमंत सोरेन ने आग में हाथ डालने का काम किया है. कैलाश यादव ने कहा कि दो दो पैसा इकठ्ठा करके लोगो ने रांची में जमीन मकान ले लिया, अब वो भूमिहीन हो जाएंगे. जब भाजपा सरकार ने 1985 को स्थानीयता का कटऑफ डेट मान लिया था, फिर हेमंत सोरेन ने उससे छेड़छाड़ क्यों किया.