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झारखंड के गोड्डा से बिजली बांग्लादेश भेजने की तारीख तय, अडानी पावर प्लांट से 1600 मेगावाट बिजली बांग्लादेश भेजी जायेगी

झारखंड के गोड्डा में बना अडानी पावर प्लांट लगातार विवादों में रहा. आरोप है कि पूर्व की भाजपा सरकार ने तब पावर प्लांट को लगाने के लिए कई नियम बदल दिए थे.

गोड्डा की बहुचर्चित अडानी पावर प्लांट से बांग्लादेश को 1600 मेगावाट बिजली जाने का रास्ता साफ़ हो गया है. बिजली कब से भेजी जानी है, ये तारीख भी आज तय हो गयी. देश के सबसे बड़े बिज़नेस लीजेंड गौतम अडानी के पावर प्लांट से बांग्लादेश को बिजली भेजे जाने के संबंध में आज गौतम अडानी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच मुलाक़ात हुई. गौतम अडानी ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए लिखा –

दिल्ली में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मिलना मेरे लिए सम्मान की बात है. बांग्लादेश के लिए उनका दृष्टिकोण प्रेरणादायक और आश्चर्यजनक रूप से साहसिक है. हम अपनी 1600 मेगावाट की गोड्डा विद्युत परियोजना और बांग्लादेश को समर्पित पारेषण लाइन बिजॉय दिबोश (विजय दिवस), 16 दिसंबर 2022 को चालू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. – गौतम अडानी

यानी गौतम अडानी के बहुचर्चित गोड्डा अडानी थर्मल पॉवरप्लांट से 16 दिसंबर से बिजली बांग्लादेश को भेजी जाएगी, ये तय हो गया है. इस पावर प्लांट से बांग्लादेश को 1600 मेगावाट बिजली भेजी जानी है.

 

उद्घाटन के साथ ही पहली यूनिट की बिजली जायेगी बांग्लादेश

16 दिसंबर को उद्घाटन के बाद प्लांट के एक यूनिट से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा. यह बिजली बांग्लादेश भेजी जायेगी. दूसरी यूनिट से भी बिजली उत्पादन दो से तीन माह में शुरू हो जायेगा. फिर 1600 मेगावाट बिजली बांग्लादेश भेजी जायेगी. पावर प्लांट के निर्माण पर कुल 15000 करोड़ रुपये की लागत आयी है. यह अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट है. पानी की जरूरत के लिए साहिबगंज से गोड्डा तक वाटर पाइपलाइन बिछायी गयी है. बांग्लादेश तक बिजली पहुंचाने के लिए गोड्डा से मुर्शिदाबाद तक 105 किमी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण भी अडाणी ने कराया है.

विवादों में रहा अडानी पावर प्लांट, पूर्व की भाजपा सरकार ने प्लांट लगाने के लिए बदल लिए कई नियम

झारखंड के गोड्डा में बना अडानी पावर प्लांट लगातार विवादों में रहा. आरोप है कि पूर्व की भाजपा सरकार ने तब पावर प्लांट को लगाने के लिए कई नियम बदल दिए थे. अडानी पावर के लिए जो पहली शर्त पूरी तरह से बदली गयी है वो है राज्य को बिजली देने की शर्त. अडानी पावर प्लांट की दोनों यूनिट से एक प्रतिशत बिजली भी झारखंड को नहीं मिलेगी, नए नियम के मुताबिक अडानी पावर प्लांट से उत्पादित पूरी 100% बिजली बांग्लादेश को मिलेगी. जबकि ऊर्जा नीति के पुराने नियम कहते है की झारखंड में लगने वाले पावर प्लांट के क्षमता की कुल 25% बिजली झारखंड को देना अनिवार्य है. इसके अलावा अडानी को टैक्स में छूट, सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम सहित कई सुविधाएं प्रदान की गयी हैं. ये सुविधाएं आम तौर पर स्टार्टअप्स को आगे बढ़ाने और प्रोत्साहित करने के लिए दी जाती है.

जिस इलाके में पावर प्लांट बना है वो पूरा इलाका बहु फसली कृषि-क्षेत्र और बहुसंख्यक स्थानीय आदिवासी–किसानों की आजीविका का मुख्य साधन था. इस परियोजना से राज्य की सरकार को प्रतिवर्ष होने वाले लगभग 294 करोड़ की राजस्व हानि को लेकर झारखण्ड महालेखाकार ने भी सवाल खड़े किये थे.

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