मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा अंतराष्ट्रीय छात्रवृत्ति के लिए इस साल 20 एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों का हुआ चयन, सीएम ने कहा – शिक्षा मां के दूध के समान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि शिक्षा मां के दूध के समान होती है, जिसे बच्चा जितना ग्रहण करे, उतना तेज दहाड़ता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा ने ब्रिटेन में ना केवल पढ़ाई की, बल्कि अपने हुनर और जज्बे से ब्रिटेन में भारत का नाम रौशन किया.

रांची: पद्मश्री राम दयाल मुंडा की जयंती पर आज सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड के मेधावी छात्रों को अंतराष्ट्रीय छात्रवृत्ति की सौगात दी. मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना का विस्तार करते हुए अब इस योजना का लाभ अनुसूचित जनजाति के अलावा अनुसूचित जाति, पिछड़ी जाति और अल्पसंख्यक छात्रों को भी दिया जायेगा. इस समाज के मेधावी छात्र अपनी उच्च शिक्षा यूनाइटेड किंगडम के बड़े शिक्षण संस्थानों में ग्रहण कर सकेंगे.
आज इस योजना की शुरुआत करते हुए झारखंड सरकार और ब्रिटिश हाई कमीशन के बीच एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुआ. जिसमे दोनों के बीच झारखंड के छात्रों को ब्रिटेन में पढ़ाई कराने और उनकी सुविधाओं को लेकर करार किया गया. शेवनिंग संस्था के सहयोग से इन छात्रों का चयन होगा. इस बार मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा अंतराष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना में कुल 25 छात्रों का चयन किया जाएगा, जिनमे से 20 का चयन हो चुका है. इस योजना के लिए एक नवंबर तक आवेदन किया जा सकता है.
ऐसे मेधावी छात्र जो अपनी मास्टर डिग्री ब्रिटेन से पूरा करना चाहते है. मगर संसाधनों के अभाव में वो इसे पूरा नहीं कर पा रहे है. ऐसे छात्र इस छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन कर सरकारी खर्च पर ब्रिटेन के नामचीन संस्थानों से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते है.
शिक्षा मां के दूध के समान है :
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि शिक्षा मां के दूध के समान होती है, जिसे बच्चा जितना ग्रहण करे, उतना तेज दहाड़ता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा ने ब्रिटेन में ना केवल पढ़ाई की, बल्कि अपने हुनर और जज्बे से ब्रिटेन में भारत का नाम रौशन किया. वे ना केवल पढ़ाई में दक्ष थे, बल्कि खेल में भी उन्होंने अपना लोहा मनवाया. सीएम ने कहा कि आज विदेशो में झारखंड आंदोलन और यहां के वीरो के बारे में चर्चा हो रही है. ये झारखंड के छात्रों के साथ साथ हम सब के लिए गौरव का विषय है. उन्होंने कहा कि जो छात्र विदेशो से पढ़कर आ रहे है, वो झारखंड के विकास में अपना योगदान दे.