500 करोड़ रुपये के लोन और एक्सटॉर्शन केस में बड़ा खुलासा, 22 लोग गिरफ्तार, चीनी आकाओं के इशारे पर काम करता था गैंग
अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह गिरोह चीनी नागरिकों के इशारे पर संचालित होता था और जबरन वसूली का पैसा हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन में भेजा जा रहा था।

दिल्ली पुलिस ने दो महीने से अधिक समय तक चले एक ऑपरेशन में 500 करोड़ रुपये से अधिक के इंस्टेंट लोन-कम-एक्सटॉर्शन रैकेट का भंडाफोड़ कर देश के विभिन्न हिस्सों से 22 लोगों को गिरफ्तार किया। इस गैंग के तार पड़ोसी देश चीन से जुड़े हैं और इसमें कई चीनी नागरिक भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह गिरोह चीनी नागरिकों के इशारे पर संचालित होता था और जबरन वसूली का पैसा हवाला और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चीन में भेजा जा रहा था।
पुलिस के अनुसार, सैकड़ों शिकायतें दर्ज की गई थीं जिनमें आरोप लगाया गया था कि लोन उच्च ब्याज दरों पर दिए जा रहे थे और ब्याज सहित रकम की पूरी वसूली के बाद गिरोह लोगों से उनकी मॉर्फ्ड अश्लील तस्वीरों का उपयोग करके अधिक पैसे वसूल करता था।.
चीन और हांगकांग के सर्वरों पर डाली जाती थीं संवेदनशील जानकारियां
दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) यूनिट ने इन शिकायतों का संज्ञान लिया और जांच के दौरान पाया कि इस तरह के 100 से अधिक शिकातें प्राप्त हुई थीं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह गिरोह ऐप यूजर्स से कई अनुचित परमिशन मांग रहा था। ऐप यूजर्स के कॉन्टैक्ट्स, चैट, मैसेजों और फोटो का एक्सेस मिलने के बाद, यह गिरोह चीन और हांगकांग स्थित अपने सर्वरों पर संवेदनशील जानकारियां अपलोड करता था।
छोटी मात्रा में लोन प्रदान करने की आड़ में ऐप विकसित किए गए थे। अधिकारी ने कहा कि यूजर्स ऐसे ऐपों में से किसी एक को डाउनलोड करते, ऐप को अनुमति देते और लोन की राशि मिनटों में उनके खाते में जमा हो जाती।
लोन लेने वालों को विभिन्न नंबरों से आते थे कॉल
डीसीपी (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि इसके बाद लोन लेने वाले व्यक्ति को विभिन्न नंबरों से कॉल आने शुरू हो जाते जो नकली आईडी पर प्राप्त किए गए थे, जो यह धमकी देते हुए पैसे की उगाही करते थि कि अगर उन्होंने रुपये नहीं दिए तो उनकी मॉर्फ्ड अश्लील तस्वीरें इंटरनेट पर अपलोड कर दी जाएंगी।
डीसीपी ने कहा कि सामाजिक बदनामी और कलंक के कारण यूजर्स उन्हें पैसों का भुगतान करते थे, जिसे बाद में हवाला के माध्यम से या क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के बाद चीन भेज दिया जाता था।
कई लोग कर चुके हैं आत्महत्या
एक व्यक्ति जिसे 5,000 से 10,000 रुपये तक के छोटे लोन की सख्त जरूरत होती थी, उसे बदले में कई लाख रुपये देने के लिए मजबूर किया जाता था। पुलिस ने कहा कि इसके कारण कई आत्महत्याएं भी हुई हैं। उन्होंने कहा कि गैंग ने कई खातों का इस्तेमाल किया और प्रत्येक खाते में प्रतिदिन 1 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए।
पुलिस ने पाया कि यह नेटवर्क दिल्ली, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में फैला हुआ था। मल्होत्रा ने कहा कि दो महिलाओं समेत 22 लोगों को देश के विभिन्न हिस्सों से पकड़ा गया है।
चीनी नागरिकों के इशारे पर करते थे काम
पूछताछ के दौरान, उन्होंने खुलासा किया कि वे चीनी नागरिकों के इशारे पर काम करते थे। वसूली के संबंध में सारा डेटा उस देश के सर्वरों से उपलब्ध कराया जा रहा था। पुलिस ने कहा कि कुछ चीनी नागरिकों की पहचान की पुष्टि की गई है और उनका पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई के बाद, इस गैंग के गुर्गे अपने रिकवरी कॉल सेंटरों को पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में शिफ्ट कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि अब तक चीनी नागरिकों द्वारा 500 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की जा चुकी है।