
रांचीः झारखंड की पहली महिला डीजीपी के तौर पर आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है. हालांकि, डीजीपी तदाशा मिश्रा का कार्यकाल बेहद अल्पकालीन होगा. क्योंकि तदाशा मिश्रा का कार्यकाल इसी वर्ष समाप्त हो जाएगा.
कौन हैं तदाशा मिश्रा?
झारखंड की पहली महिला डीजीपी तदाशा मिश्रा 1994 बैच की आईपीएस अफसर है. 1994 में यूपीएससी में सफल होने के बाद उन्हें बिहार कैडर मिला, झारखंड अलग होने के बाद वह झारखंड कैडर में ही रह गईं. तदाशा मिश्रा की छवि एक ईमानदार और शांत स्वभाव लेकिन कड़े फैसले लेने वाली आईपीएस अफसर की रही है. पूरे करियर में उनका किसी भी विवाद से कोई नाता नहीं रहा है.
झारखंड राज्य के निर्माण होने के बाद आईपीएस तदाशा मिश्रा झारखंड कैडर में रही. करियर के शुरुआती दिनों में उन्होंने रांची के सिटी एसपी के रूप में योगदान दे चुकी हैं. झारखंड में तदाशा मिश्रा ने बोकारो एसपी के अलावा एडीजी रेल और गृह, जेल और आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव के रूप में काम कर चुकी हैं. आईपीएस तदाशा मिश्रा के खुद का करियर और जीवन बिल्कुल सादगी भरा रहा है.

31 दिसंबर तक ही रहेंगी डीजीपी:
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राज्य की पहली महिला डीजीपी का कार्यकाल बेहद संक्षिप्त होगा. इसी वर्ष तदाशा मिश्रा 31 दिसंबर को सेवानिवृत्ति हो जाएंगी. यूपीएससी के गाइडलाइंस के साथ-साथ झारखंड सरकार के द्वारा बनाए गए बोर्ड के अनुसार भी उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सकता है. ऐसे में झारखंड की पहली महिला डीजीपी का कार्यकाल 50 दिनों का ही होगा.
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नक्सल, साइबर अपराध और संगठित अपराध बड़ी चुनौती साबित होंगे:
वीआरएस लेने वाले डीजीपी अनुराग गुप्ता अपने कार्यकाल के दौरान बेहद सफल डीजीपी साबित हुए थे. नक्सल, साइबर अपराध सहित संगठित आपराधिक गुटों के खिलाफ कार्रवाई के लिए किए गए उनके प्रयास हमेशा याद किए जाएंगे. अब प्रभारी डीजीपी तदाशा मिश्रा को इन सभी फ्रंट पर अपने आपको बेहतर साबित करना होगा. लेकिन अपने आपको साबित करने के लिए उनके पास बेहद कम समय है.



