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मंत्री हफीजुल हसन के विवादित बयान के खिलाफ रांची में भाजपा ने निकाला आक्रोश मार्च, संविधान हाथ में लेकर पहुंचे राजभवन, मंत्री को बर्खास्त करने की मांग

राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में संविधान से पहले शरीयत वाला बयान दिया था।

रांची. राज्य के अल्पसंखयक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन के संविधान पर दिए बयान के खिलाफ आज भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओ ने राजभवन का घेराव किया। पार्टी नेताओ ने मंत्री के बयान को संविधान विरोधी बताते हुए जिला स्कूल से राजभवन तक मार्च कर हफीजुल हसन को मंत्रिपद से बर्खास्त करने की मांग की। पार्टी के प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत प्रदेश स्तर के कई नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए। आक्रोश मार्च को संबोधित करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा झारखंड में शरीयत लागू करने की साजिश को काफी सफल नहीं होने देगी। भाजपा बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान की पूरी मजबूती से रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि मंत्री हफीजुल हसन द्वारा संविधान के बजाय शरीयत को प्राथमिकता देना जनादेश और संविधान का अपमान है। ऐसे मंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।

रांची के विधायक सीपी सिंह ने कहा कि मंत्री हफीजुल हसन का बयान ना केवल संविधान के खिलाफ है, बल्कि करोडो भारतीयों की भावना के खिलाफ है। भाजपा का संकल्प है कि वह संविधान और लोकतंत्र की हर हाल में रक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि जेएमएम तुष्टिकरण और संविधान विरोध का पर्याय बन गयी है।

संविधान से पहले शरीयत वाले बयान पर घिरे मंत्री हफीजुल हसन

राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में संविधान से पहले शरीयत वाला बयान दिया था। मंत्री ने कहा था कि मेरे लिए शरीयत संविधान से बड़ा है। हम कुरान सीने में रखते है और हाथ में संविधान रखते है। हम पहले शरीयत को पकड़ेंगे इसके बाद कुरान को।

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