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झारखंड का लखाईडीह गांव बना मिसाल, गांव में कोई नशा नहीं करता, ग्रामीण अपने घरो में ताला भी नहीं लगाते, कोई वारदात नहीं, ज्यादात्तर युवा स्नातक पास, स्कूल में भी बच्चो की शत प्रतिशत उपस्थिति

गांव की मनमोहक प्रशंसा सुनकर फिल्म निर्देशक ईकबाल दुरानी भी खुद को इस गांव में आने से नहीं रोक सके।

पूर्वी सिंघभूम. झारखंड के पूर्वी सिंघभूम जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर दुर्गम पहाड़ियों की चोटी पर बसा मनमोहक प्राकृतिक वादियों से घिरे लखाईडीह गांव ने मिसाल कायम की है। चार दुर्गम पहाड़ियों से घिरे इस गांव के ग्रामीणों ने वो कर दिखाया है, जो अन्य लोगो के लिए प्रेरणा बन गया है। इस गांव ने झारखंड के संपूर्ण नशामुक्त गांव होने का गौरव हासिल किया है। इतना ही नहीं, आज तक इस गांव में चोरी, डकैती, लूट पाट जैसी वारदात कभी नहीं हुई। झारखंड में जब नक्सलवाद चरम पर था, तब भी यह गांव नक्सलवाद से दूर रहा। नशे के विरुद्ध इस गांव की प्रतिबद्धता ऐसी है कि गांव में कोई भी ग्रामीण महुआ का पेड़ नहीं लगाता है। गांव के ग्रामीणों में ऐसी एकता और आपस में भरोसा है कि गांव के ग्रामीण अपने घरो में कभी ताला भी नहीं लगाते। ग्राम प्रधान कान्हू राम टुडू ने बताया कि गांव के 69 परिवारों में से अधिकांश युवा स्नातक पास है और गांव के विद्यालय में भी रोजाना बच्चो की शत प्रतिशत उपस्थिति रहती है। डुमरिया थाना के थाना प्रभारी नासुगना मुंडा ने बताया कि आजतक पुलिस कभी भी इस गांव में नहीं गयी। मैंने अपने जीवन में ऐसा कोई गांव नहीं देखा जो लखाईडीह की तरह प्रेरणाश्रोत हो। उन्होंने कहा कि गांव में कोई वारदात कभी होती ही नहीं है जिस वजह से पुलिस को इस गांव में जाना पड़े।

फिल्म निर्देशक ईकबाल दुरानी भी आ चुके है लखाईडीह

गांव की मनमोहक प्रशंसा सुनकर फिल्म निर्देशक ईकबाल दुरानी भी खुद को इस गांव में आने से नहीं रोक सके। वेब सीरीज ‘घाटशिला’ की शूटिंग के दौरान ईकबाल दुरानी लखाईडीह गांव आये थे। वे गांव के युवाओ के अभिनय कौशल से भी बहुत प्रभावित हुए थे। ईकबाल दुरानी फिल्म निर्माता संतोष सरस के साथ गांव घूमने निकले तो चार पहाड़ियों से घिरे इस मनमोहक प्राकृतिक छटा को अपने दिलो में बसा लिया। इस बात ने उनके दिलो में गहरा प्रभाव छोड़ा था कि दुर्गम पहाड़ियों पर बसे इस गांव में कोई भी युवक नशा नहीं करता। उन्होंने गांव को सौंदर्य का धनी और ग्रामीणों को हिम्मतवाला बताया था।

चुनाव में 80% होती है वोटिंग

लखाईडीह गांव ना केवल सामाजिक बल्कि लोकतांत्रिक रूप से भी सशक्त और अन्य लोगो के लिए मिसाल है। सुदूर दुर्गम क्षेत्र में बसने के बावजूद भी यहां के ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव में जमकर मतदान किया था। पोटका विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाले लखाईडीह गांव में मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता। बावजूद यहां के ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव में आगे बढ़ चढ़ कर मतदान किया। यहां का मतदान प्रतिशत 80.15% रहा था।

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