
रांची. चीन में फैला ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) झारखंड के बेहद करीब आ चुका है। कोलकाता में एक मामला सामने आया है। वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए झारखंड अलर्ट मोड में आ गया है। हेल्थ डिपार्टमेंट भी सजग हो गया है। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स सहित राज्य के सदर अस्पतालों को भी अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है।
कर्नाटक, गुजरात और पश्चिम बंगाल में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) की पुष्टि के बाद झारखंड भी अलर्ट हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी वायरस पहले से मौजूद है, पर ज्यादा आक्रामक नहीं है। इसके बावजूद लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सावधानी बरतनी है। इस वायरस से बचाव को लेकर राज्य के सभी सिविल सर्जन के साथ स्वास्थ्य विभाग ने बैठक की। साथ ही बचाव को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है।
जांच किट का दे दिया गया है ऑर्डर:
सचिव अजय कुमार सिंह ने एचएमपीवी से निबटने के लिए तैयारी करने का निर्देश दिया। सोमवार को इसको लेकर रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने तैयारियों का आकलन किया। ऐहतियातन जांच किट का ऑर्डर भी दे दिया गया है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि घबराने की अभी कोई जरुरत नहीं है। आइसीएमआर के गाइडलाइन के तहत तैयारी की जा रही है।
क्या है गाइडलाइन में?
- गाइडलाइन एचएमपीवी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस कोई नया वायरस नहीं है। साल 2001 में नीदरलैंड में इसका पहला मामला सामने आया था।
- यह वायरस सामान्य मौसमी बीमारी है और बीते कई दशकों से भारत में फैला हुआ। सर्दी के दिनों में इस तरह के केस पहले भी आये हैं, पैनिक होने की जरूरत नहीं है।
- भीड़ वाले इलाकों में मास्क का प्रयोग करें।
- सेनिटाइजर का प्रयोग करें और हाथों की सफाई करें, भीड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करें।
- अस्पतालों में बेड बढ़ायें।
- ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कर लें।
क्या हैं लक्षण?
माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ पूजा सहाय ने बताया कि इसके संक्रमण से खांसी, सर्दी, बुखार, गले में खराश और कमजोरी होती है. यह तीन से पांच दिनों में ठीक हो जाता है।
रिम्स में जल्द शुरू होगी जांच:
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) की वजह से राज्य में आपाधापी न मचे, इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। रिम्स माईक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी प्रो. डॉ मनोज कुमार के मुताबिक एचएमपीवी जानलेवा नहीं है पर सर्तक रहने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वायरस की बढ़ती चिंता को देखते हुए रिम्स में जांच की व्यवस्था की जा रही है। रिम्स में जल्द ही जांच शुरू कर दिया जाएगा।
खरीदे जाएंगे टेस्ट किट:
फिलहाल जांच मशीन और किट का इंतजार किया जा रहा है। जल्द ही एनआईवी, पुणे से चीजें उपलब्ध करा दी जाएंगी। इसके लिए एनआईवी, पुणे को चिट्ठी लिखी गई है। रिम्स से मिली जानकारी के अनुसार इसकी गहन निगरानी की जा रही है। इससे निपटने को लेकर राज्य पूरी तरह तैयार है। वहीं जमशेदपुर के एमजीएमसीएच जमशेदपुर में भी जांच शुरू कराने के प्रयास किए जाएंगे।
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने बाहर से आने वाले सभी यात्रियों की जांच का दिया आदेश:
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा की इस वायरस से पैनिक नहीं होने की अपील करते हुए कहा है कि झारखंड सरकार पूरी तरह से तैयार है और विभाग बाहर से आने वाले सभी यात्रियों पर नजर रख रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश के बाहर और दूसरे राज्यों से आने वाले सभी यात्रियों की जांच करने का निर्देश दिया गया है। फिलहाल राज्य केंद्र सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहा है, जिस तरह का निर्देश आएगा उसी अनुरूप काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है।
Very important
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Jharkhand, under the leadership of Chief Minister Shri Hemant Soren, is fully prepared to handle any health emergency that may arise. Currently, there is no immediate concern regarding the HMPV (Human Metapneumovirus) virus, as it does… pic.twitter.com/p53Bjw1b4s— Dr. Irfan Ansari (@IrfanAnsariMLA) January 7, 2025
वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग:
इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, माईक्रोबायोलॉजी विभाग, रिम्स के एचओडी प्रो. डॉ मनोज कुमार एवं स्टेट आईडीएसपी डॉ प्रवीण कर्ण की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के महानिदेशक प्रो डॉ अतुल गोयल के साथ मीटिंग हुई है। जिसमें राज्य को अलर्ट रहने को कहा गया है।