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रांची में कोयला कारोबारी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, बाबूलाल मरांडी ने कानून व्यवस्था को लेकर साधा निशाना

रांची. रांची में अपराधियों ने कोयला कारोबारी अभिषेक श्रीवास्तव की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी। उन्हें आनन-फानन में मेडिका अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कारोबारी को 11 गोलियां लगी थीं। अभिषेक मूल रूप से बिहार के छपरा के रहने वाले थे।

गुरुवार सुबह करीब 10 बजे कारोबारी पर हमला हुआ। वह अपनी काले रंग की फॉर्च्युनर कार में थे। इसी दौरान स्कॉर्पियो से आए अपराधियों ने गोलियां चलाईं। अभिषेक का अपार्टमेंट रातू थाना क्षेत्र के आस्थापुरम में था।

वारदात के वक्त वो घर से कहीं जा रहे रहे थे। जैसे ही अभिषेक की गाड़ी अपार्टमेंट की गली में मुड़ी पहले से इंतजार कर रहे अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। अभिषेक का घर पास ही था, इसलिए आनन-फानन परिवार वाले मौके पर पहुंच गए।

गाड़ी के सामने से मारी गोली:

अभिषेक श्रीवास्तव को पीएलएफआई संगठन की ओर से से पहले भी धमकी भी मिली थी। आशंका जताई जा रही है कि पीएलएफआई संगठन ने घटना को अंजाम दिया होगा। अपराधियों ने गाड़ी के सामने से गोलियां चलाई। जिससे गाड़ी के सामने का शीशा छलनी हो गया। गाड़ी के शीशे पर चार राउंड गोलियां चलने के निशान हैं।

अस्पताल लाने से पहले मौत:

घटना के वक्त मौजूद लोगों के मुताबिक गोली मारने वाले अपराधी स्कॉर्पियो में आए हुए थे। उनकी संख्या पांच बताई जा रही है। सूचना है कि अपराधियों ने अभिषेक श्रीवास्तव को 11 गोली मारी हैं। अभिषेक को आनन-फानन में परिवार वाले मेडिका लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर्स ने बताया कि पहले ही उनकी मौत हो गई है। अभिषेक छपरा के रहने वाले थे। अभिषेक की एक 5 साल की बेटी है। उनके पिता का नाम सचिंद्र श्रीवास्तव है। छोटा भाई विवेक हैं। घटना के समय विवेक छपरा में थे। हत्या की खबर मिलने पर वह रांची आ रहे हैं।

रांची में कानून व्यवस्था लचर- बाबूलाल:

कोयला कारोबारी पर हुई गोलीबारी के मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजधानी रांची के लचर कानून की फिर से पोल खुल गई। रातू थाना क्षेत्र में कोयला व्यापारी अभिषेक श्रीवास्तव को अपराधियों ने गोलियों से छलनी कर दिया है।


सूचना है कि अभिषेक को पीएलएफआई संगठन से पूर्व में धमकी भी मिली थी। इसके बावजूद पुलिस ने उनकी सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। लगातार इस प्रकार के अपराध घटित होने से राज्य सरकार के साथ-साथ पुलिस अधिकारी भी संदेह के घेरे में आ रहे हैं। झारखंड पुलिस तत्परता दिखाते हुए अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार करें।

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