
रांची. प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट समेत अन्य विकल्पों पर विचार कर रही है. ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को छह बार समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन सीएम हेमंत सोरेन एक बार भी ईडी के सामने पूछताछ के लिए नहीं गए. सीएम हेमंत सोरेन ने हर बार ईडी के समन का जवाब पत्र भेजकर दिया, लेकिन एक बार भी ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए. ऐसे में ईडी अब सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी कराने और उनकी गिरफ्तारी के विकल्पों पर विधि विशेषज्ञों से राय ले रही है.
जमीन घोटाले की जांच कर रही ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन को आखिरी समन बीते 10 दिसंबर को जारी किया था.और उन्हें 12 दिसंबर को एजेंसी के रांची स्थित जोनल ऑफिस में दिन के 11 बजे उपस्थित होने के लिए कहा था. सीएम हेमंत सोरेन के ईडी दफ्तर पहुंचने की संभावना को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गयी थी. लेकिन सीएम हेमंत सोरेन हाजिर नहीं हुए. वे दोपहर 3 बजे ईडी के दफ्तर के सामने से गुजरते हुए दुमका के लिए रवाना हो गए. जहां उन्हें “आपकी सरकार-आपके द्वार” कार्यक्रम में शामिल होना था. सीएम का ये कार्यक्रम पहले से निर्धारित था. हालांकि सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी को पत्र भेजकर जानने की कोशिश की कि एजेंसी उन्हें जांच में सहयोगी के तौर पर बुलाना चाहती है या आरोपी की तरह.
सीएम हेमंत सोरेन ने दुमका में जनसभा को संबोधित करते हुए ईडी के समन का जिक्र किये बगैर कहा था कि कुछ लोगों को आज ये संदेह था कि मै आपके बीच इस कार्यक्रम में रहूंगा या नहीं, लेकिन मै आपके बीच मौजूद हूं. आपको बता दें कि ईडी की ओर से भेजे जा रहे समन को सीएम हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी थी. इसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर ईडी के समन को निरस्त करने का आग्रह किया. लेकिन झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने बीते 13 अक्टूबर को उनकी याचिका को खारिज करते हुए समन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने अपनी दलील में कहा था कि सीएम हेमंत सोरेन ने समन का पहले ही उल्लंघन किया है. वे ईडी के किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुए. ऐसे में उनका समन को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं है, इसीलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती.
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सीएम हेमंत सोरेन के पास पूछताछ के लिए उपस्थित होने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. ईडी अब सोरेन के खिलाफ जांच में असहयोग का हवाला देते हुए उनकी गिरफ्तरी के लिए वारंट जारी करवा सकती है. ईडी के मुख्यालय में भी इस बात को लेकर चर्चा चल रही है.