
रांची. झारखंड आदिवासी महोत्सव का आज दूसरा दिन है. आज सुबह 10 बजे से ही बड़ी संख्या में लोग इस महोत्सव का गवाह बनने आ रहे है. आज दिन के 11 बजे से पारंपरिक नृत्यों का सिलसिला शुरू हो गया है. इसमें उरांव आदिवासी समुदाय का लोक नृत्य, पाइका नृत्य, गोंड आदिवासी समाज का कीहो नृत्य, कर्नाटक का दमनी लोक नृत्य, आदि शामिल है. अब से कुछ ही देर बाद मुंडारी गायन वादन, 12.55 बजे से बांसुरी वादन का कार्यक्रम शुरू होगा.
दोपहर 1.45 मिनट से पारंपरिक नृत्यों की दमदार प्रस्तुति शुरू होगी. इसमें अरुणाचल के रेखां पड़ा नृत्य, असम के लेवा टाना नृत्य, बिहू नृत्य शामिल है. 2.45 बजे से 9 आदिवासी समुदायों द्वारा रंगारंग प्रस्तुति दी जाएगी. 3.30 से डोमकुच लोक नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा. 3.50 बजे से महोत्सव में आदिवासी समाज के दिव्यांगों द्वारा मनोहर प्रस्तुति दी जाएगी. 3.55 से गुजरात के अफ्रीकन आदिवासियों द्वारा सिद्धि धमाल नृत्य होगा. शाम 6.40 बजे से आदिवासी परिधानों से सुसज्जित फैशन शो होगा. शाम 7.30 बजे ड्रोन, लेजर शो होगा. इसके बाद भव्य आतिशबाजी के साथ महोत्सव का समापन हो जाएगा.