HeadlinesJharkhandRanchi

झारखंड में यहां है 99 लाख टन सोना का भंडार, हुई खुदाई तो भारत बन जायेगा सोने की चिड़िया

रांची: झारखंड की धरती खनिज संपदाओं की धरती है. झारखंड की धरती को प्रकृति ने अपार वैभव दिया है. अगर इस वैभव का इस्तेमाल सही तरीके से हो, तो राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश की तकदीर और तस्वीर बदली जा सकती है. रांची जिले के तमाड़ प्रखंड में 75 हेक्टेयर जमीन के नीचे देश का सबसे बड़ा सोना का भंडार छिपा हुआ है. एक अनुमान के मुताबिक यहां करीब 99 लाख टन सोने का भंडार है. जिसकी खुदाई शुरू की गयी, तो पूरा भारत एक बार फिर सोने की चिड़िया बन सकता है. मगर यहां स्थित खदान से आजतक सोने का एक कण भी नहीं निकल सका है. यहां अबतक खुदाई शुरू नहीं हो सकी है. वजह है पांच साल से फॉरेस्ट क्लियरेंस नहीं मिलना. नवंबर 2017 में इस खदान की नीलामी हुई थी. रूंगटा माइंस ने सबसे अधिक बोली लगाकर खनन अधिकार हासिल किया था. 75 हेक्टेयर में फैले इस खदान में 9.894 मिलियन टन (करीब 99 लाख टन) सोना अयस्क का रिजर्व है.

अबतक फॉरेस्ट क्लियरेंस नहीं:

इस खदान की 11 हेक्टेयर भूमि वन क्षेत्र में है. ग्राम सभा, माइंस प्लान आदि सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वर्ष 2019 में फॉरेस्ट क्लियरेंस के लिए वन विभाग के पास आवेदन किया गया. तब से ही यह आवेदन वन विभाग के पास लंबित है. आजतक स्टेज-1 का क्लियरेंस नहीं मिल सका है. जिसकी वजह से अबतक खदान से सोना निकालने का काम शुरू नहीं हो सका है.

एक टन मिटटी से निकलेगा एक ग्राम सोना:

खान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि परासी सोना खदान में एक टन मिटटी निकालने पर एक ग्राम सोना निकलेगा. इसमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है.

9.894 मिलियन टन सोना का है भंडार:

तमाड़ में स्थित परासी सोना खदान में 9.894 मिलियन टन सोना अयस्क का भंडार है. वहीं, इस खदान में 8.90 टन सिल्वर, 82.46 टन लेड, 369.54 टन निकेल, 230.33 टन कोबाल्ट, 98.94 टन मोलीबेडिनम और 103.88 टन टिन का भंडार है.

खदान चालू होने पर राज्य सरकार को मिलता 1,280 करोड़ राजस्व:

खान विभाग के अधिकारी बताते है कि यदि ये खदान चालू हो जाये, तो झारखंड सरकार को इससे 1,280 करोड़ राजस्व की प्राप्ति होगी. इसमें 960 करोड़ रूपये रॉयल्टी के रूप में मिलेंगे, जबकि 320 करोड़ रूपये डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के रूप में मिलेंगे.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button