
रांची: चीन में तेजी से पैर फैला रहे कोरोना ओमीक्रोन के नए सब वेरिएंट BF7 ने भारत समेत पूरी दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि झारखंड में फिलहाल इसे लेकर किसी भी तरह के पैनिक की जरुरत नहीं है. फिलहाल राज्य में कोरोना का कोई भी एक्टिव केस नहीं है और राज्य सरकार भी हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. यही वजह है कि झारखंड में किसी तरह की कोई पाबंदी की फिलहाल दूर-दूर तक आशंका नहीं है. हालांकि झारखंड में वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में उत्साह की कमी देखी जा रही है, जिसे देखते हुए राज्य सरकार जल्द ही वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाने संबंधित कुछ गाइडलाइन या अपील जारी कर सकती है. झारखंड में अभी तक वैक्सीन की दूसरी डोज ले चुके लोगों की संख्या 72 लाख 89 हजार है. ऐसे में सरकार लोगों से अपील कर रही है कि लोग जल्द से जल्द बूस्टर डोज भी लगवा लें.
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने साफ किया है कि झारखंड में फिलहाल घबराने की कोई जरुरत नहीं है. बन्ना गुप्ता ने साफ किया है कि किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए सब वेरिएंट की वजह से संक्रमण बढ़ा है और वे भी इस नए वेरिएंट से जुड़े हर अपडेट पर नजदीक से नजर बनाये हुए है.
झारखंड में कोरोना से निपटने की तैयारी मुकम्मल:
झारखंड में कोरोना से निपटने के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट यानी 3T पर विशेष जोर रहता है. झारखंड में अभी 15 आरटीपीसीआर टेस्ट लैब मौजूद है. वहीं 300 ट्रूनेट और 68 कोबास मशीनों से कोरोना जांच के साथ-साथ नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग की मशीन भी मौजूद है. राज्य के सरकारी अस्पतालों में किसी भी परिस्थिति में ऑक्सीजन की कोई कमी ना हो, इसके लिए 120 PSA प्लांट लगाए गए है. झारखंड में अभी कोरोना का कोई भी एक्टिव केस नहीं होने के बावजूद संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 12628 बेड सुरक्षित और रिज़र्व रखे गए है.
टीकाकरण की रफ्तार सुस्त है:
कोरोना से बचाव में टीकाकरण ही एकमात्र सुरक्षा कवच है. ऐसे में राज्य के लोगों में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर उत्साह की कमी सरकार के लिए चिंता का सबब बनी हुई है. लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक करने के साथ-साथ टीकाकरण की रफ्तार को बढ़ाने पर राज्य सरकार जोर दे रही है. इसके लिए जल्द ही राज्य सरकार की ओर से वैक्सीनेशन को लेकर कुछ कड़े कदम उठाये जा सकते है. राज्य में कोरोना के वैक्सीन की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार से भी अनुरोध कर सकती है.