
रांची. ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट मामले में राज्यपाल रमेश बैस के रवैये से आहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज राजभवन को आड़े हाथो लेते हुए सवाल पूछा कि अगर मै मुजरिम हूँ, तो मुझे सजा क्यों नहीं सुना देते ? सीएम ने कहा कि राज्य में राजनैतिक अस्थिरता जैसी कोई बात नहीं है, आर्टिफिशल बवंडर मचाया जा रहा है. झारखंड पहला राज्य है जहां एक मुख्यमंत्री राज्यपाल और चुनाव आयोग से बार बार कह रहा है कि अगर मै गुनहगार हूँ, तो मुझे सजा सुना दिया जाये. अगर गुनहगार हूँ, तो इतने दिनों तक किस हैसियत से मुझे पद पर बिठाया है. यह जवाबदेही किसकी है.
विपक्ष भटकती हुई आत्मा है : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य का विपक्ष भटकती हुई आत्मा बन गयी है. संवैधानिक संस्थाओ की आड़ में राज्य की सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में विपक्ष की सियासी रोटी पकेगी नहीं, जल जाएगी. केंद्र सरकार झारखंड के अधिकारों पर कुंडली मारकर बैठी है. राज्य का 1.36 लाख करोड़ रुपया केंद्र पर बकाया है. उसे लौटाने की दिशा में केंद्र पहल क्यों नहीं करता.