भारत में इंटरनेट क्रांति की शुरुआत, 5G की मिली देश को सौगात, पीएम बोले – नागरिको के अंदर डिजिटल फर्स्ट की सोच को विकसित करना जरूरी है
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5जी डिजिटल इंडिया की सबसे बड़ी सफलता है. डिजिटल इंडिया सिर्फ एक नाम नहीं है, ये देश के विकास का बहुत बड़ा विज़न है. इस विज़न का लक्ष्य है कि उस तकनीक को हर व्यक्ति तक पहुंचाना जो आम लोगो के साथ जुड़ जाए. हमने कहा है कि हमारा प्रयास टुकड़ो टुकड़ो में ना हो.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश में 5G तकनीक की शुरुआत की. दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में 5G को देश में अवसरों के अनंत आकाश की शुरुआत बताया. पीएम ने कहा कि भारत टेक्नोलॉजी का कंस्यूमर बनकर केवल नहीं रहेगा, देश अब टेक्नोलॉजी के विकास में भूमिका निभाएगा. भविष्य की वायरलेस तकनीक को डिज़ाइन करने और उसे बनाने में हमारी भूमिका बड़ी रहेगी. 4जी तकनीक तक देश दुसरे देशो पर निर्भर रहा. मगर 5जी में भारत ग्लोबल स्टैण्डर्ड तय कर रहा है. आज इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाला हर व्यक्ति 5जी का महत्त्व समझ रहा है. 5जी भारत के युवाओ के लिए बहुत बड़ा अवसर लेकर आया है.
Prime Minister Narendra Modi launches the #5GServices in the country, at Indian Mobile Congress (IMC) 2022 in Delhi.
Historic day for 21st century of India. 5G technology will revolutionize the telecom sector: PM Modi pic.twitter.com/dDslwg2u5t
— ANI (@ANI) October 1, 2022
5जी डिजिटल इंडिया की सबसे बड़ी सफलता है : पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि 5जी डिजिटल इंडिया की सबसे बड़ी सफलता है. डिजिटल इंडिया सिर्फ एक नाम नहीं है, ये देश के विकास का बहुत बड़ा विज़न है. इस विज़न का लक्ष्य है कि उस तकनीक को हर व्यक्ति तक पहुंचाना जो आम लोगो के साथ जुड़ जाए. हमने कहा है कि हमारा प्रयास टुकड़ो टुकड़ो में ना हो.
4 पिलर्स पे हमारा फोकस रहा – प्रधानमंत्री
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में फोर पिलर्स का जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि डिवाइस की कीमत, डिजिटल कनेक्टिविटी, डाटा की कीमत, डिजिटल फर्स्ट की सोच. इन चार स्तंभों पर केंद्र सरकार ने काम किया. डिवाइस की कीमत तभी कम होगी जब हम आत्मनिर्भर हो. लोग आत्मनिर्भर शब्द का मजाक उड़ाते है. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक हम सौ फीसदी मोबाइल फोन विदेशो से इंपोर्ट करते थे. 2014 में देश में केवल दो मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट थे, अब उनकी संख्या दो सौ के ऊपर है. हमने भारत में मोबाइल फोन की उत्पादन को बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र को बढ़ावा दिया. आज भारत मोबाइल फोन बनाने में दुनिया में नंबर दो पर है. कल तक हम मोबाइल इंपोर्ट करते थे, आज हम हज़ारो करोडो के मोबाइल फोन दुनिया को बेच रहे है. अब कम कीमत पर हमे ज्यादा फीचर्स भी मिल रहे है.
पीएम ने कहा कि दूसरा पिलर है डिजिटल कनेक्टिविटी. कम्युनिकेशन की असली ताक़त कनेक्टिविटी ही है. ब्रॉडबैंड के 2014 में 6 करोड़ उसेर्स थे, आज ये 80 करोड़ से ज्यादा है. 2014 में 25 करोड़ इंटरनेट यूज़र्स थे, आज ये संख्या 85 करोड़ से ज्यादा है. आज शहरो के मुक़ाबले ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट उपभोग्ताओ की संख्या बढ़ी है. आज एक लाख सत्तर हज़ार से ज्यादा पंचायतो तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंच गया है. हमारी सरकार इनटरनेट फॉर आल के लक्ष्य के साथ काम कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में डिजिटल फर्स्ट की सोच विकसित करना जरूरी है. डिजिटल फर्स्ट का पहला कदम था डिजिटल एप ट्रांसेक्शन, आज तकनीक भी लोकतांत्रिक हो गयी है. डिजिटल फर्स्ट के हमारे अप्प्रोच ने लोगो की कोरोना में काफी मदद की. कोरोना काल में एक क्लिक में पैसे ट्रांसफर हो रहे थे. डॉक्टर्स मरीजों का इलाज टेली मेडिसिन से कर रहे थे. डिजिटल इंडिया ने आज सबको बाज़ार दिया है. आज फूटपाथ दूकान वाला भी यूपीए पेमेंट के लिए कहता है. भिखारी भी डिजिटल पेमेंट ले रहा है. सरकार की नियत सही हो तो नागरिको की नियत बदलने में समय नहीं लगता है.