आंगनबाड़ी सेविकाओं को मिला अधिकार, हेमंत ने सुन ली पुकार, लंबे संघर्ष के बाद आंगनबाड़ी सेविकाओं का बढ़ा मानदेय, ख़ुशी की लहर
आज इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अब राज्य के लघु आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविका एवं सहायिकाओं को भी क्रमशः 9500 तथा 4750 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा. जिसमें लघु आंगनवाड़ी सेविकाओं को केंद्र सरकार की ओर से 2100 एवं राज्य सरकार 7400 रुपए भुगतान की हिस्सेदारी के साथ 9500 रुपए प्रतिमाह मानदेय भुगतान किया जा सकेगा.

रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं के लंबे संघर्ष का परिणाम आज उन्हें दे दिया. आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के लिए आज तक राज्य में नियमावली नहीं बनी थी. हेमंत सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं के मांगो के अनुरूप नई नियमावली के तहत अब आंगनबाड़ी सेविकाओं को 9500 रुपए एवं आंगनबाड़ी सहायिकाओं को 4750 रुपए प्रतिमाह मानदेय देने का फैसला लिया है. नई नियमावली के तहत आंगनवाड़ी सेविकाओं की प्रतिमाह मानदेय राशि में केंद्र सरकार की ओर से 2700 रुपए एवं राज्य सरकार की ओर से 6800 रुपए की साझेदारी रहेगी. उसी प्रकार आंगनबाड़ी सहायिकाओं को केंद्र सरकार की ओर से 1350 रुपए एवं राज्य सरकार की ओर से 3400 रुपए की साझेदारी का प्रावधान किया जा रहा है.
आज इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अब राज्य के लघु आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत सेविका एवं सहायिकाओं को भी क्रमशः 9500 तथा 4750 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा. जिसमें लघु आंगनवाड़ी सेविकाओं को केंद्र सरकार की ओर से 2100 एवं राज्य सरकार 7400 रुपए भुगतान की हिस्सेदारी के साथ 9500 रुपए प्रतिमाह मानदेय भुगतान किया जा सकेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नियमावली के तहत राज्य सरकार सभी आंगनबाड़ी कर्मियों का भविष्य निधि खाता खोलते हुए मानदेय का 6 प्रतिशत राशि अलग से जमा कराएगी. उन्होंने कहा कि अब आंगनबाड़ी कर्मियों को भी अनुकंपा का लाभ दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है. मुख्यमंत्री से आज झारखंड मंत्रालय में झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ के एक शिष्टमंडल ने मुलाकात की. इस घोषणा के बाद शिष्टमंडल से लेकर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी.